Thursday, May 31, 2018

EK GHAZAL

एक ग़ज़ल 
मोहब्बत का सुरूर, इश्क़ का ख़ुमार बुरा लगता है। 
नफरत का चलन हो तो ये प्यार बुरा लगता है ।

अब तो आदत सी हो गयी है तौहीन की मुझको 
अंदाज़-ए- तग़ाफ़ुल  से बस एक बार बुरा लगता है 

जिनका पेशा है बस्तियों और शहरों को वीरां करना 
उन हज़रात को मौसम -ए -बहार बुरा लगता है 

जो ख़ार का व्योपार करतें हैं जीने के लिए 
उन्हें गुलशन का गुल -ए -गुलज़ार बुरा लगता है 

धोका और फरेब यहां  तहज़ीब का हिस्सा है 
ऐय्यारों के शहर में लफ्ज़ ऐतबार बुरा लगता है 

भूक और  प्यास की शिद्दत से कोई हो परेशां तो उसे 
चांदनी रात बुरी लगती है वस्ले यार बुरा लगता है 

क़त्ल होना ‘अब्द’ उतना  बुरा नहीं है लेकिन 
दारकश का एक लम्बा इंतज़ार बुरा लगता है












Saturday, May 26, 2018

EK GHAZAL


ग़ज़ल

प्यार बहुत कुछ, पर जान से बढ़ के थोड़े है
है दौलत ज़रूरी, पर ईमान से बढ़ के थोड़े है

तख़्त-ओ-ताज, लाल-ओ -जवाहिर चाहिए मुझे
ये सब लेकिन तेरी  मुस्कान से बढ़ के थोड़े है

सुना है बड़ा शानो शौक़त है साहब-ए -मसनद का
मगर उनका जलवा , खुदा की शान से बढ़के थोड़े है

काशी, काबा या हो कलीसा, सब अपनी जगह हैं
इनकी क़ीमत मगर किसी इंसान से बढ़के थोड़े है

माना की  हवा से बातें करती हैं उसके महल की मीनारें
लेकिन उसकी बुलन्दी इस आसमान से बढ़के थोड़े है

वैसे तो  पढ़ा है मैंने खुसरो,ज़ौक़ और ग़ालिब को  भी
लेकिन उनकी तहरीरें ‘अब्द’ के दीवान से बढ़के थोड़े है





Thursday, May 24, 2018

लघुकथा : Storiette

शहर के एक चौराहे पर कुछ हिन्दू और चंद मुसलमान। बहस का मुद्दा है ‘कौन सा धर्म इंसनियत , प्यार और  अमनपसन्दी’ को सब से ज्यादा अहमियत देता है। बात आगे बढ़ती गयी और शहर में दंगा हो गया।

Sunday, May 06, 2018

A NEW GHAZAL


झूठी  वतन परस्ती का यह कारोबार बंद करो
वहशत की तिज़ारत,नफ़रत का बाजार बंद करो


देखो झुलस रहीं हैं  कलियाँ कितनी चमन में
साथ लाये हो  जो,वो मौसम-ए -बहार बंद करो


तेरे इश्क़ से तेरी हमदर्दी से परेशां हैं बहुत लोग
अपना ये झूठा दिखवा ये अपना प्यार बंद करो


मैं जनता हूँ की नहीं है उल्फत तुमको मुझ से
खुदा के वास्ते ये बार बार का इज़हार बंद करो


तेरे फरेब का सलीका है शानदार ,सुभानअल्लाह
चलो मैं तुमसे हार  गया, अब ये तकरार बंद करो


शहर पे  पूरा कब्ज़ा है अब शब-ए -ज़ुल्मात का
अब्द नहीं आएगी वो सहर  इंतज़ार बंद करो