Monday, January 25, 2010

The Words On the Margins

हाशिये पर लिखे शब्द

साफ़ सुथरे सच बोलने वाले शब्द

अब
हाशिये पर लिखे जाते हैं I

और पंक्तियों के बीच स्थान पाते हैं

वो शब्द

जो कलुषित हैं

विकृत हैं, सड़े हुए विचारों से लैश,

हिंसा की जयजयकार करते हुए I

प्रतिशोध से भरे-पूरे

इतिहास के जंगलों में बहाने ढूंढते हुए,

एक नयी प्रतिशोध कथा लिखने के लिए,

मानव रक्त की स्याही तलाशते I

मर्यादा पुरुषोत्तम के शब्द नहीं पाते हैं,

बीच का स्थान, पन्नो पर,

बल्कि
हाशिये पर लिखे जाते हैं ,

और उनका अर्थ आज के परिप्रेक्ष्य में

लगाया जाता है I

रावणी व्याकरण का प्रयोग करके I



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1 comment:

Nour Badr said...

my friend,
i was intrested to read what you wrote here, o i translated in Arabic and English ..

well, the translation wasnt good enough but i can say i get your point and idea .. and i like it so !