हाशिये पर लिखे शब्द
साफ़ सुथरे सच बोलने वाले शब्द
अब हाशिये पर लिखे जाते हैं I
और पंक्तियों के बीच स्थान पाते हैं
वो शब्द
जो कलुषित हैं
विकृत हैं, सड़े हुए विचारों से लैश,
हिंसा की जयजयकार करते हुए I
प्रतिशोध से भरे-पूरे
इतिहास के जंगलों में बहाने ढूंढते हुए,
एक नयी प्रतिशोध कथा लिखने के लिए,
मानव रक्त की स्याही तलाशते I
मर्यादा पुरुषोत्तम के शब्द नहीं पाते हैं,
बीच का स्थान, पन्नो पर,
बल्कि हाशिये पर लिखे जाते हैं ,
और उनका अर्थ आज के परिप्रेक्ष्य में
लगाया जाता है I
रावणी व्याकरण का प्रयोग करके I
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1 comment:
my friend,
i was intrested to read what you wrote here, o i translated in Arabic and English ..
well, the translation wasnt good enough but i can say i get your point and idea .. and i like it so !
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