Wednesday, December 16, 2020
Sunday, October 25, 2020
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Monday, April 20, 2020
Monday, April 13, 2020
Wednesday, April 01, 2020
Sunday, March 22, 2020
Wednesday, March 18, 2020
पढ़िए 'पटना ब्लूज' (हिन्दी) के अंश
'पटना ब्लूज : कुछ ख़्वाब अधूरे से ' का अंश पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें।
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पटना ब्लूज : कुछ ख़्वाब अधूरे से ' का अंश
'पटना ब्लूज' अमेज़न और फ्लिपकार्ट के अतिरिक्त अन्य ऑनलाइन स्टोर्स एवं बुकशॉप में भी उपलब्ध है।
Sunday, March 15, 2020
Saturday, March 14, 2020
Different Editions of Patna Blues
ARIF: BANGLA EDITION OF PATNA BLUES
(Published by Doshor Publication, Kolkata)
Get a copy:
https://www.amazon.in/Arif-Abdullah-Khan/dp/819418679X/ref=sr_1_4?keywords=arif+abdullah&qid=1584169555&s=books&sr=1-4&swrs=1AA171675691B4290DA6908E250BC72B
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Sunday, March 08, 2020
Saturday, March 07, 2020
Here is some selected media coverage of my novel:
Tuesday, February 25, 2020
Thursday, February 13, 2020
Wednesday, February 12, 2020
Review of Patna Blues (Hindi)
पटना ब्लूज़ : अधूरे ख़्वाबों की कहानी
अपनी रोचकता के चलते ही ये उपन्यास हिंदी के अलावा उर्दू, बांग्ला, तमिल, कन्नड, मलयालम और मराठी में छापा जा रहा है. |
उपन्यास में पटना के एक मुसलिम परिवार की कहानी है जिसका जवान लड़का आरिफ यूपीएसीसी पास कर अफसर बनना चाहता है तो उसका भाई जाकिर मुंबई जाकर फिल्म एक्टर बनना चाहता है मगर किसी भी गरीब परिवार में ऐसे सपनों को पूरा करने के लिये कितनी कम गुंजाइश होती है। ये इस उपन्यास की कहानी में बहुत सच्चाई के साथ लिखा गया है। वैसे भी उपन्यास का पूरा नाम 'पटना ब्लूज़ : कुछ ख़्वाब अधूरे से' है।
अधूरे ख़्वाबों वाले इस उपन्यास का नायक आरिफ पुलिस सब इंस्पेक्टर का बेटा है जो बेहद प्रतिभाशाली है और यूपीएससी पास कर आईएएस अफसर बनना चाहता है मगर कुछ खास परिस्थितियों के चलते वो अपने से बड़ी उमर की शादीशुदा सुंदर महिला सुमित्रा से प्रेम के चक्कर में पड जाता है। घटनाक्रम कुछ ऐसा होता है कि ना तो वो अफसर बन पाता है और ना ही उस महिला के करीब पहुँच पाता है। साथ ही परिवार की जिस लड़की से उसकी शादी होने वाली होती है वो भी मजबूरी में ही उससे शादी को तैयार होती है। आरिफ का भाई जाकिर भी पहले मुंबई जाकर गायब हो जाता है फिर दिल्ली में पुलिस की निगाह में आकर रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो जाता है जो उपन्यास के अंत में ही वापस आ पाता है। इस बीच में पुलिस उत्पीड़न की लंबी कथा है जो आमतौर पर मुसलिम समाज के युवाओं के साथ अक्सर दोहरायी जाती है।यह उपन्यास इस मायने में अलग है कि पटना के मुसलिम परिवार के बहाने इसमें मुसलिम समाज में होने वाली उथल-पुथल पारिवारिक परिस्थितियाँ और परिवार के दुख-दर्द बहुत खूबसूरती से पिरोये गये है। कथानक इसमें इतनी तेजी से घूमता है घटनाएँ ऐसी लगातार होती हैं कि उपन्यास पाठक को हाथों से नीचे नहीं जाने देता।
लेखक अब्दुल्लाह ने इस उपन्यास में अपने पटकथा लेखन के सारे दाँव पेंच आजमाये हैं। पहले पन्ने से आखिरी तक रोचकता बनी रहती है। पूरे उपन्यास में आरक्षण आंदोलन, राम मंदिर आंदोलन, दिल्ली के बम ब्लास्ट और उसमें फँसने वाले मुसलिम युवकों की घटनाप्रधान पृप्ठभूमि है जो उपन्यास को नयी ऊँचाई देती है। पटना शहर के गली मोहल्लों और घाटों को भी अब्दुल्लाह ने ऐसा सजीव बना कर लिखा है जिससे पढ़ने वाले को पटना शहर अपना सा लगने लगता है। आज के दौर में मुसलिम समाज का जीना उथल पुथल और अनिश्चितता से भरा है। लेखक ने मध्यमवर्गीय मुसलिम परिवार का बहुत सजीव चित्रण किया है।
पहले के दौर में लिखे गये मुसलिम परिवेश के उपन्यास आमतौर पर बेहद गरीब या फिर अमीर तबकों पर ही ज्यादा लिखे गये हैं मगर इस उपन्यास में जिस परिवार को केंद्र में रखा गया है वैसे परिवार ही आज ज्यादा हैं और जिनकी परेशानियाँ हूबहूू वही हैं जो उपन्यास में साझा की गयी हैं। अपनी रोचकता के चलते ही ये उपन्यास हिंदी के अलावा उर्दू, बांग्ला, तमिल, कन्नड, मलयालम और मराठी में छापा जा रहा है। इसे भोपाल के मंजुल पब्लिशिंग हाउस ने बहुत सुंदर कलेवर और छपायी के साथ छापा है।
~ब्रजेश राजपूत.
(लेखक ABP न्यूज़ से जुड़े हैं. ब्रजेश ने तीन बेस्टसेलर पुस्तकें लिखी हैं. उनकी हालिया किताब 'चुनाव है बदलाव का' चर्चा में है.)
(लेखक ABP न्यूज़ से जुड़े हैं. ब्रजेश ने तीन बेस्टसेलर पुस्तकें लिखी हैं. उनकी हालिया किताब 'चुनाव है बदलाव का' चर्चा में है.)
पटना ब्लूज़ : कुछ ख़्वाब अधूरे से
लेखक : अब्दुल्लाह खान
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ : 292
लेखक : अब्दुल्लाह खान
प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस
पृष्ठ : 292
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Saturday, February 01, 2020
Wednesday, January 22, 2020
Monday, January 06, 2020
Friday, January 03, 2020
Patna Blues in Hindi
पटना ब़्लूज़
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http://manjulindia.com/patna-blues-hindi.html
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Kannada translation of PATNA BLUES
Patna Blues has been published in Kannada translation by Navkarnatka Publications
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